सोशल मीडिया और यूट्यूब की दुनिया में ऐसे नाम बहुत कम हैं जिन्होंने अपने दम पर, साधारण पृष्ठभूमि से शुरुआत करके लाखों लोगों का दिल जीत लिया हो। ऐसा ही नाम है सौरव जोशी का। उत्तराखंड के छोटे से गांव से निकलकर सौरव आज भारत के सबसे बड़े यूट्यूब क्रिएटर्स में शामिल हैं। उनका सफर सिर्फ प्रसिद्धि पाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह संघर्ष, मेहनत और लगातार खुद को बेहतर बनाने की कहानी है। सौरव की विशेषता यह है कि उन्होंने अपने कंटेंट में परिवार, संस्कृति और अपने गांव की झलकियों को भी शामिल किया, जिससे दर्शक उनसे आसानी से जुड़ते हैं। उनके वीडियो में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक वास्तविकता और सादगी झलकती है।
उत्तराखंड के पहाड़ों से डिजिटल मंच तक।
सौरव जोशी का जन्म 8 सितंबर, 1999 को उत्तराखंड के कौसानी, बागेश्वर जिले में हुआ। उनका परिवार आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत नहीं था। उनके पिता हरीश जोशी मजदूरी करते थे और उनके पिता ने अपने बच्चों के लिए कभी कमी नहीं आने दी। सौरव का परिवार हमेशा उनकी पढ़ाई और स्किल्स में निवेश करता रहा। बचपन से ही सौरव में कला और ड्रॉइंग का जुनून था। स्कूल में उन्होंने अपनी स्केचिंग और आर्टिस्टिक टैलेंट के दम पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया और जीत हासिल की। लेकिन पढ़ाई में उनका प्रदर्शन औसत था, और इंटरमीडिएट के बाद करियर को लेकर उन्हें चिंता होने लगी। दिल्ली जाकर उन्होंने आर्किटेक्चर और डिजाइनिंग में कोचिंग ली। पर्सपेक्टिव ड्रॉइंग, विज़ुअल रिप्रेजेंटेशन जैसी चीजें सीखते हुए उन्होंने अपनी कला को और निखारा। हालांकि आर्किटेक्चर में सिलेक्शन नहीं हुआ, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और पिता के साथ पीओपी का काम करते हुए भी ड्रॉइंग जारी रखी।
यूट्यूब की शुरुआत और उनके चैनल्स की कहानी।
सौरव के भाई ने सुझाव दिया कि वह अपनी कला को यूट्यूब पर दिखाएं। इसके बाद सौरव ने 2017 में अपना पहला चैनल “Sourav Joshi Arts” बनाया, जहाँ उन्होंने स्केचिंग और ड्रॉइंग से जुड़े वीडियो अपलोड करना शुरू किए। शुरुआत में बहुत कम लोग उनके वीडियो देखते थे, लेकिन उन्होंने लगातार मेहनत की। कई बार चैनल सस्पेंड भी हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसके बाद उन्होंने “Sourav Joshi Vlogs नाम से दूसरा चैनल शुरू किया। यूट्यूब के दौरान इस चैनल के लिए उनका बड़ा बदलाव साबित हुआ। उन्होंने अपने दिन- प्रतिदिन के व्लॉग, परिवार के साथ छोटू पल, गांव और पहाड़ी जीवन की झलकियाँ साझा कीं। उनकी रचना में एकदम प्राकृतिक और वास्तविक जीवन जैसा स्पर्श था, जो दर्शकों को बहुत भाया। सौरव ने अपने ब्लॉग में छोटे-छोटे मौज-मस्ती वाले त्योहारों, पारिवारिक समारोहों और शॉपिंग को शामिल किया है। धीरे-धीरे उनका चैनल वायरल हो रहा है और आज Sourav Joshi Vlogs के 3.79 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। असल में भी उनके 42 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
वीडियो कंटेंट और दर्शकों के साथ जुड़ाव।
सौरव के वीडियो में सबसे खास बात है उनका फैमिली-फ्रेंडली कंटेंट, जो हर उम्र के दर्शकों को पसंद आता है। उनका कंटेंट रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा होता है — चाहे वह छुट्टियों के व्लॉग हों, ड्रॉइंग के वीडियो हों या यात्रा के वीडियो। उनकी शैली सरल, साफ-सुथरी और बेबाक होती है। यही कारण है कि उनके फैंस उन्हें सिर्फ एक यूट्यूबर नहीं, बल्कि परिवार और पहाड़ों के जीवन का असली अनुभव देने वाला दोस्त मानते हैं।
विवाद और चुनौतियाँ
यूट्यूब पर सफलता के बावजूद सौरव को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कभी अकाउंट सस्पेंड होना, कभी कम व्यूज़ और कम सब्सक्राइबर — लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। लॉकडाउन के दौरान उनके 365-डे चैलेंज ने उन्हें नए ऊँचाइयों तक पहुँचाया, जहाँ उन्होंने लगातार 365 दिन वीडियो अपलोड किए और दर्शकों का भरोसा जीता।
शादी और निजी जीवन का नया अध्याय
सौरव जोशी ने 6 दिसंबर 2025 को अपनी लॉन्ग-टाइम पार्टनर अवंतिका भट्ट से शादी की। शादी गंगा किनारे पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुई और इसका व्लॉग ऑनलाइन अपलोड होते ही वायरल हो गया। अवंतिका भट्ट एक प्रसिद्ध ज्योतिषी की बेटी हैं। दोनों के परिवारों के बीच लंबे समय से दोस्ती रही है। शादी से पहले सौरव ने सोशल मीडिया पर अवंतिका को अपने फैंस के सामने पेश किया और उनकी तस्वीरें साझा कीं, जिसे देखने के बाद फैंस खुशी से झूम उठे। अब सौरव की शादीशुदा ज़िंदगी की शुरुआत हो चुकी है और फैंस eagerly उनके married life के व्लॉग्स देखने के लिए उत्साहित हैं।
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सौरव हमेशा अपने परिवार के करीब रहे हैं। उनके वीडियो में अक्सर उनकी मां हेमा जोशी, पिता हरीश जोशी, भाई साहिल, भतीजे और कभी-कभी दादा-दादी भी नजर आते हैं। उनका परिवार उनके कंटेंट का अहम हिस्सा है और यही उनके व्लॉग्स को और भी relatable बनाता है।
सौरव केवल व्लॉगिंग तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने कई ब्रांड्स के साथ सहयोग किया, इवेंट्स अटेंड किए और अपने चैनल को बिजनेस के नजरिए से भी सफल बनाया। उनके चैनल ने Silver और Gold प्ले बटन हासिल किए। सोशल मीडिया पर उनकी पहुँच इतनी बड़ी है कि वे किसी भी बड़ी ब्रांड के लिए perfect influencer माने जाते हैं।
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निष्कर्षसौरव जोशी की कहानी साधारण शुरुआत से असाधारण सफलता तक पहुँचने की मिसाल है। यह कहानी मेहनत, निरंतरता और अपने जुनून को समझने का प्रतीक है। अब शादीशुदा जीवन और बढ़ती लोकप्रियता के साथ, सौरव की journey और भी प्रेरक बन चुकी है।
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